Thursday, January 7, 2016

नया साल २०१६ की शुरआत भगवन गणेश की यादों से -


ॐ गम गणपतये नमः |

भगवान गणेश  को देख कर शिव एव शक्ति की याद आती है - अगर सर महादेव की देन है तो त्वचा भगवती की देन है | शिव और शक्ति का मिलन दीखता है - आत्मा और पदार्थ का मिलन , परमेश्वर तथा देवी का एक साथ होना , आध्यात्मिक आनंद और सामग्रीक प्रसन्ता का मिश्रण | श्री गणेश सीमाओं के मालिक हैं - योग या भोग में , अनुशासन और आसक्ति में , मठवासी आदेश या प्रजनन संस्कार में, वैदिक अटकलें या तांत्रिक अनुष्ठान में |


भगवान गणेश की दो पत्नियाएँ थी - ऋद्धि और सिद्धि , जिन्हे हम धन और बुद्धिमत्ता की मालकिन मानते हैं | शुभ और लाभ इनके पुत्र हैं और संतोषी इनकी पुत्री | इनके चूहा इस दुनिया के असहनीय जिद्दी समस्याएं का प्रतिनिधित्व करता है - जिसे वो सबसे दूर रखते हैं | यह भगवान इसी वक़्त के हैं - जो भूत और भविष्य के बीच में हैं - सबका समस्या हरण करते हैं और सबका सपना साकार करते हैं |

हमने इनके पिताजी (भगवान शिव ) और मामाजी (भगवान विष्णु ) को बहुत याद किया | अब इस प्यारे देवता का भी नमन कर ले | 

No comments:

Post a Comment